पानीपत। शहर की इन 12 बेटियों से मिलिए। इन्हें 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना और पुकारा जाता है। शहर में हर बड़ा धार्मिक अनुष्ठान इनके शंखनाद से ही शुरू होता है। यह परंपरा पिछले छह साल से चल रही है। बेटियों का कहना है कि शंख बजाते समय वे खुद काे दुनिया से अलग ही महसूस करती हैं। शंख बजाना सीखने के लिए रोजाना एक महीने तक प्राचीन श्री देवी मंदिर में अभ्यास किया। श्री कैलाशी सेवा समिति के संस्थापक अशोक कैलाशी ने बताया कि 2012-13 में उज्जैन कुंभ मेले में गए थे। वहां एक महिला की शंख बजाते फोटो अखबार में देखी।
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